Dars E Nizami Books PDF

PDF Download Sahih ul Bukhari Maktaba RahmaniaQadimi Kutubkhana Mukhtasar Sahih Bukhari Urdu

अक़ीक़ा का तरीका | Aqiqah kaise kare in Hindi

लड़के के लिए दो बकरे या बकरियों की बलि दी जाती हैलड़की के लिए एक बकरे या बकरी की बलि दी जाती हैजानवर को तीन हिस्सों में बांटा जाता हैएक हिस्सा गरीबों को दान किया जाता हैदूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और दोस्तों में बांटा जाता हैतीसरा हिस्सा खुद के लिए रखा जाता हैगोमांस को गरीबों, रिश्तेदारों और दोस्तों को पकाया जाता है या दावत में परोसा जाता है

Ahle Bait Hadees In Hindi अहले बैत पर 20 हदीस हिंदी में

Ahle Bait Hadees In Hindi अहले बैत पर 20 हदीस हिंदी में

surah naas with hindi translation | सूरह फलक हिंदी तर्जुमा के साथ

"हे नबी! कहो कि मैं इन्सानों के परवरदिगार की पनाह में आता हूँ।""जो सारे इन्सानों का मालिक है।""जो सारे इन्सानों का माबूद है।""वस्वसा डालने वाले और छुप जाने वाले के बुराई शर से।""जो लोगों के दिलों में भ्रम (वस्वसा) डालता रहता है।""जो जिन्नों में से हो या फिर इंसानों मे से।"

Surah Falaq With Hindi Translation | सूरह फलक हिंदी तर्जुमा के साथ

"कह दीजिये की मैं सुबह के रब की पनाह चाहता हूँ।""तमाम मख़लूक़ात के शर से।""और अँधेरी रातो के शर से जब कि उस की तारीकी फ़ैल जाये।""और उन सभी औरतों के शर से जो लोग गिरहों में फूंक मारती है।""और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे।"

Charon Qul With Hindi Translation | चारो कुल हिंदी तर्जुमा के साथ

सूरह अल-फलक़मैं सुबह के रब कि पनाह लेता हूँ।तमाम मखलूक के शर से तरह कि बुराई से जो उसने पैदा कि मैं पनाह माँगता हूँ।और अंधेरे की बुराई से जब वह सुलझ जाए।और गांठों में धौंकनी की बुराई से।सूरह काफिरून

Surah Kafiroon In Hindi | सूरह काफिरून तर्जुमा व तफसीर

Al Kaafiroon Soorah Kab Nazil Hui मक्का के सरदारों का एक गिरोह नबी स.अ. की खिदमत में हाज़िर हुआ और कहा : आओ हम इस बात पर सुलह कर लें कि जिस खुदा की आप इबादत करते हैं हम भी उस की इबादत किया करेंगे और जिन माबूदों की हम पूजा किया करते हैं

Surah Kausar Translation In Hindi | सूरह कौसर और उसका तर्जुमा

Surah Kausar का हिंदी में अनुवाद है "बेशक हमने आपको कौसर अता किया"। कौसर का अर्थ है "बहुत सारी भलाई" और जन्नत में एक नदी का नाम भी है।सूरह कौसर मक्का में तब उतरी जब मक्का के निवासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को उनकी जाति से अलग कर दिया क्योंकि उन्होंने मूर्तिपूजा की परंपरा का खंडन किया था।