naat.operaking.innaat.operaking.in

Press ESC to close

गुलशन गुलशन, सहरा सहरा, बात हुई मशहूर / Gulshan Gulshan, Sahraa Sahraa, Baat Hui Mashhoor

Muslim Life Pro App
Download
WhatsApp Group
Join Now
Muslim Life Pro 2site

गुलशन गुलशन, सहरा सहरा, बात हुई मशहूर
माह-ए-रबिउन्नूर ने बख़्शा रहमत का दस्तूर

आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर
आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर


प्यारे नबी का नूर चला जब आदम की पेशानी से
पुश्त-ए-ख़लीली तक पहुँचा है रहमत की तुग़्यानी से
आदम ता ईसा कहते हैं आया रब का नूर

आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर
आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर


आमिना बी ये कहती हैं वो कैसी रात सुहानी थी
हूर-ओ-मलाइक, मरियम-ओ-सारा की घर पे दरबानी थी
झूला झुलाने आई नबी को ख़ुल्द-ए-बरीं की हूर

आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर
आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर


सोचा था इबलीस ने रब के बंदों को बहकाएँगे
कुफ़्र-ओ-शिर्क में डाल के उन को दोज़ख़ में पहुँचाएँगे
सारे इबलीसी मंसूबे हो गए चकनाचूर

आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर
आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर


आज ज़माने को देते हैं इश्क़-ओ-वफ़ा का जाम रज़ा
ख़ून-ए-जिगर से दिल के वरक़ पर लिखते हैं पैग़ाम रज़ा
रहमत-ए-आलम, नूर-ए-मुजस्सम से मत होना दूर

आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर
आया रबिउन्नूर, आया रबिउन्नूर



नात-ख़्वाँ:

असद इक़बाल

 

2 Slot Ads

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

google news follow us