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Ayatul Kursi In Hindi । आयतुल कुर्सी हिन्दी में

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बिस्मिल्लाहिर् रहमानीर् रहीम।
بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
 
अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू अल हय्युल क़य्यूम
اللَّـهُ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ ۚ
 
ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
لَا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلَا نَوْمٌ
 
लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
لَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ
 
मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इज़निह
مَن ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِندَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ
 
यअलमु मा बैना अयदीहिम वमा खल्फहुम
يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ
 
वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ
وَلَا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ ۚ
 
वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ ۖ
 
वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम
وَلَا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ 
 
 

आयतुल कुर्सी हिन्दी तर्जुमा। Ayatul Kursi Hindi Tarzuma.

अल्लाह वह ज़ात है जिसके इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं है । हमेशा ज़िंदा रहने वाला और (सब) को क़ायम रखने वाला है, न उसे ऊंघ आती है न नींद, उसी के लिये है जो आसमानों में है और जो ज़मीन में है, कौन है जो उसकी इजाज़त के बगैर उसके पास सिफ़ारिश कर सके, जो लोगों के सामने है और जो उनके पीछे है सब को जानता है, लोग उसके इल्म में से किसी चीज़ का अहाता नहीं कर सकते मगर जो वह चाहे, उसी की कुर्सी आसमानों और ज़मीन को घेरे हुए है, और दोनों की हिफाज़त उसे थकाती नहीं, और वह बुलंद अज़मत वाला है।

हजरत माकल बिन यासर (रजि०) का बयान

हजरत माकल बिन यासर (रजि०) का बयान है कि
“जो शख्स तीन बार आयतुल कुर्सी पढ़ता हो, उस बंदे के लिए अल्लाह तबारक व तआला 70 हजार फरिश्तों को मुकर्रर फरमा देंगे। जो शाम तक उस पर रहमत भेजते रहेगें। और अगर उस दिन वह शख्स मर जाता है तो शाहिद मारेगा। जो शख्स शाम को यह अमल करेगा उस पर भी 70 हजार फ़रिश्ते मुकर्रर कर दिए जाएंगे। जो सुबह तक उस पर रहमत भेजते रहेगें”।
 
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आयतुल कुर्सी की फजीलत । Ayatul Kursi Ki Fajilat.

आयतुल कुर्सी कुरान की सब से अजीम तरीन आयत है हदीस में रसूलल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इसको तमाम आयात से अफजल फरमाया है।
हज़रत अबू हुरैरा रजिअल्लाहू तआला अनहू फरमाते हैं कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया : सूरह बकरा में एक आयत है जो तमाम कुरान की आयातों की सरदार है । यह आयत जिस घर में पढ़ी जाये शैतान वहां से निकल जाता है।
 

आयतुल कुर्सी की खासियत । Ayatul Kursi Ki khasiyat.

इस सूरत में अल्लाह की तौहीद ( अल्लाह को एक मानना ) को साफ तौर पर बताया गया है और शिर्क को रद किया है ।
 
Mohammad Wasim

KI MUHAMMAD ﷺ SE WAFA TUNE TO HUM TERE HAIN,YEH JAHAN CHEEZ HAI KYA, LOH-O-QALAM TERE HAIN.