::

Search

स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन (धूम मची है हर तरफ़, पैदा हुए हैं मुस्तफ़ा) / Salle Ala Nabiyyena, Salle Ala Muhammadin (Dhoom Machi Hai H

  • Share this:
स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन (धूम मची है हर तरफ़, पैदा हुए हैं मुस्तफ़ा) / Salle Ala Nabiyyena, Salle Ala Muhammadin (Dhoom Machi Hai H
Muslim Life Pro App
Download
WhatsApp Group
Join Now

Muslim Life Pro App!

स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला ह़बीबेना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला शफीएना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

धूम मची है हर तरफ़, पैदा हुए हैं मुस्तफ़ा
सब की ज़ुबाँ पे है यही आज नसीब जाग उठा
ज़ुल्मत-ए-कुफ़्र मिट गई, नूर जहाँ पे छा गया
शान-ए-हुज़ूर देख कर कहने लगे मलाइका

स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

वस्फ़-ए-हबीब-ए-किब्रिया कोई बयाँ करे तो क्या !
ख़ुद ही ख़ुदा-ए-दो-जहाँ वासिफ़-ए-शान-ए-मुस्तफ़ा !
जान सका न आज तक कोई भी उन का मर्तबा !
जिस ने भी देखी इक झलक, कहने लगा यूँ बर-मला

स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

आप का रूप देख कर चाँद को चाँदनी मिली
फूलों को ज़ुल्फ़-ए-पाक के सदक़े में ताज़गी मिली
आप जो मुस्कुरा दिए, रात को रौशनी मिली
आप की जब नज़र उठी, दुनिया को ज़िंदगी मिली

स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला ह़बीबेना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला शफीएना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
स़ल्ले अ़ला नबिय्येना, स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन


शायर:
मौलाना नज़ीरुल-अकरम नईमी

नातख्वां:

मीलाद रज़ा क़ादरी

 

2 Slot Ads

Muslim Life Pro

Muslim Life Pro

Kam Wo Le Lijiye Tumko Jo Razi Kare, Theek Ho Naame Raza Tumpe Karoro Durood.