तहज्जुद की नमाज़ इस्लाम में एक निहायत ही अहम और फज़ीलत वाली नफ्ल नमाज़ है। यह वो नमाज़ है जिसे अल्लाह तआला ने इस नमाज़ को कुरान-ए-करीम में खास तौर पर ज़िक्र फरमाया है:
Duas for 3 Ashras of Ramadan / रमज़ान के 3 अशरे की दुआ1st Ashra (Days of Mercy & Blessings) / पहला अशरा (यानि रमज़ान के पहले 10 दिन) ये अशरा रहमत का हैرَبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَأَنْتَ خَيْرُ الرَّاحِمِينَ
नाज़रीन जिस तरह से दिनों में सबसे अफज़ल जुमे का दिन होता है उसी तरह महीनो में रमजान का महीने बहुत अफ़ज़ल होता है और उसी तरह और दिनों के मुकाबले रमजान का चाँद बहुत ज्यादा फ़ज़ीलत रखती है















