जिस के हाथों में है ज़ुल्फ़िक़ार-ए-नबीजिस के पहलू में है राहवार-ए-नबीदुख़्तर-ए-मुस्तफ़ा जिस की दुल्हन बनीजिस के बेटों से नस्ल-ए-नबी है चली
तनम-फ़र्सूदा जाँ-पारा ज़े-हिज्राँ, या रसूलल्लाह !दिलम पज़मुर्दा आवारा ज़े-'इस्याँ, या रसूलल्लाह !
फातिहा देने का सही तरीका, दुआ, सूरहें और इसाले सवाब का मुकम्मल तरीका हिंदी में।






















