• author
    Mohammad Wasim
  • 04/03/2025
  • 1 मिनट का पाठ
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या मुहम्मद मुहम्मद मैं कहता रहा

या मुहम्मद मुहम्मद मैं कहता रहानूर के मोतियों की लड़ी बन गईआयतों से मिलाता रहा आयतेंफिर जो देखा तो ना'त-ए-नबी बन गई

  • author
    Mohammad Wasim
  • 04/03/2025
  • 1 मिनट का पाठ
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ज़िंदगी याद-ए-मदीना में गुज़ारी सारी

ज़िंदगी याद-ए-मदीना में गुज़ारी सारी'उम्र भर की ये कमाई है हमारी सारी

  • author
    Mohammad Wasim
  • 24/02/2025
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ज़माने के हर इक वली ने कहा मुझे तो अली चाहिए

ज़माने के हर इक वली ने कहामुझे तो 'अली चाहिएजो हैं हर ज़माने के मुश्किल-कुशा