• author
    Mohammad Wasim
  • 04/03/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 4,290 बार देखा गया
या मुहम्मद मुहम्मद मैं कहता रहा

या मुहम्मद मुहम्मद मैं कहता रहानूर के मोतियों की लड़ी बन गईआयतों से मिलाता रहा आयतेंफिर जो देखा तो ना'त-ए-नबी बन गई

  • author
    Mohammad Wasim
  • 04/03/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 3,528 बार देखा गया
ज़िंदगी याद-ए-मदीना में गुज़ारी सारी

ज़िंदगी याद-ए-मदीना में गुज़ारी सारी'उम्र भर की ये कमाई है हमारी सारी

  • author
    Mohammad Wasim
  • 15/02/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 3,319 बार देखा गया
ज़हे-क़िस्मत जो आ जाए क़ज़ा आक़ा की चौखट पर

ज़हे-क़िस्मत जो आ जाए क़ज़ा आक़ा की चौखट परमुकम्मल मौत का आए मज़ा आक़ा की चौखट पर

  • author
    Mohammad Wasim
  • 21/01/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 2,020 बार देखा गया
जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है

तू ख़ुशी के फूल लेगा कब तलक तू यहाँ ज़िंदा रहेगा कब तलक