• author
    Mohammad Wasim
  • 24/02/2025
  • 1 मिनट का पाठ
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ज़िक्र है आज उस शाह-ए-जीलान का मरहबा मरहबा

मीराँ मीराँ मीराँ मीराँ हमारी है दु'आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन