• author
    Mohammad Wasim
  • 24/02/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 3,920 बार देखा गया
ज़माने के हर इक वली ने कहा मुझे तो अली चाहिए

ज़माने के हर इक वली ने कहामुझे तो 'अली चाहिएजो हैं हर ज़माने के मुश्किल-कुशा

  • author
    Mohammad Wasim
  • 24/02/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 3,445 बार देखा गया
ज़िक्र है आज उस शाह-ए-जीलान का मरहबा मरहबा

मीराँ मीराँ मीराँ मीराँ हमारी है दु'आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन

  • author
    Mohammad Wasim
  • 21/01/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 2,020 बार देखा गया
जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है

तू ख़ुशी के फूल लेगा कब तलक तू यहाँ ज़िंदा रहेगा कब तलक