ज़माने के हर इक वली ने कहामुझे तो 'अली चाहिएजो हैं हर ज़माने के मुश्किल-कुशा
मीराँ मीराँ मीराँ मीराँ हमारी है दु'आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन
ज़माने के हर इक वली ने कहामुझे तो 'अली चाहिएजो हैं हर ज़माने के मुश्किल-कुशा
मीराँ मीराँ मीराँ मीराँ हमारी है दु'आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन