लिखा है इक ज़ईफ़ा थी जो मक्का में रहती थीवो इन बातों को सुनती थी मगर खामोश रहती थी
नात लिरिक्स हिंदी | नात लिरिक्स उर्दू | नात लिरिक्स इंग्लिश | मनक़बत-शरीफ़ सलातो-सलाम इस्लाम इस्लामिक कंटेंट न्यूज़