Shabe Qadr Ki Dua Arabic English Hindi Mainशबे क़द्र की ख़ास दुआअल्लाह ने अता की है हमें रात शबे क़द्रतुम उसकी करो क़द्र वो तुम्हारी करेगा क़द्र
क़ल्ब-ए-'आशिक़ है अब पारा पाराअल-वदा'अ, अल-वदा'अ, माह-ए-रमज़ाँ !कुल्फ़त-ए-हिज्र-ओ-फ़ुर्क़त ने माराअल-वदा'अ, अल-वदा'अ, माह-ए-रमज़ाँ !
या मुहम्मद मुहम्मद मैं कहता रहानूर के मोतियों की लड़ी बन गईआयतों से मिलाता रहा आयतेंफिर जो देखा तो ना'त-ए-नबी बन गई
ज़िंदगी याद-ए-मदीना में गुज़ारी सारी'उम्र भर की ये कमाई है हमारी सारी
ज़माने के हर इक वली ने कहामुझे तो 'अली चाहिएजो हैं हर ज़माने के मुश्किल-कुशा
मीराँ मीराँ मीराँ मीराँ हमारी है दु'आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन
















