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Lab pe Salle Ala ke Tarane Lyrics / लब पे सल्ले अला के तराने

  • Mohammad Wasim
  • 21/12/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 793 बार देखा गया
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लब पे सल्ले अला के तराने

लब पे सल्ले अला के तराने
अश्क आँखों में आये हुए हैं
ये हवा ये फ़ज़ा कह रही है
आप तशरीफ़ लाये हुए हैं

जिनकी खातिर ये आलम बनाया
ला-मकां जिनको रब्ब ने बुलाया
अये हलीमा ये तेरा मुकद्दर
वो तेरे घर में आये हुए हैं

में मदीने की गलियों पे क़ुर्बां
जिनसे गुज़रे हैं शाहे मदीना
इस तरह से महकते हैं रास्ते
इत्र जैसे लगाए हुए हैं

आज पूरी हुई दिल की हसरत
क्युं न जी भर के कर लूँ ज़ियारत
क़ब्र में अपना जलवा दिखाने
मेरे सरकार आये हुए हैं

है हसन महवे जमाले रू-इ-दोस्त
अये नाकिरैन फिर इस से लेना जवाब
क़ब्र में अपना जलवा दिखाने
मेरे सरकार आये हुए हैं

नाम नबियों के बेशक बड़े हैं
अज़मतों के नगीने जड़े हैं
मुक्तदी बांके पीछे खड़े हैं
वो जो पहले से आये हुए हैं

ये हवा ये फ़ज़ा कह रही है
आप तशरीफ़ लाए हुए हैं

 
Mohammad Wasim

KI MUHAMMAD ﷺ SE WAFA TU NE TO HUM TERE HAIN,YEH JAHAN CHEEZ HAI KYA, LAUH O QALAM TERE HAIN.