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तनम-फ़र्सूदा जाँ-पारा ज़े-हिज्राँ या रसूलल्लाह

  • Mohammad Wasim
  • 06/12/2025
  • 1 मिनट का पाठ
  • 461 बार देखा गया
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तनम-फ़र्सूदा जाँ-पारा ज़े-हिज्राँ, या रसूलल्लाह !
दिलम पज़मुर्दा आवारा ज़े-'इस्याँ, या रसूलल्लाह !

चूँ सू-ए-मन गुज़र आरी, मन-ए-मिस्कीं ज़े-नादारी
फ़िदा-ए-नक़्श-ए-ना'लैनत कुनम जाँ, या रसूलल्लाह !

ज़े-जाम-ए-हुब्ब-ए-तू मस्तम, ब-ज़ंजीर-ए-तू दिल बस्तम
नमी-गोयम कि मन हस्तम सुख़न-दाँ, या रसूलल्लाह !

ज़े-कर्दा ख़्वेश हैरानम, सियह शुद रू ज़े-'इस्यानम
पशेमानम पशेमानम पशेमाँ, या रसूलल्लाह !

चूँ बाज़ू-ए-शफ़ा'अत रा कुशाई बर गुनह-गाराँ
म-कुन महरूम जामी रा दरा आँ, या रसूलल्लाह !

Mohammad Wasim

KI MUHAMMAD ﷺ SE WAFA TU NE TO HUM TERE HAIN,YEH JAHAN CHEEZ HAI KYA, LAUH O QALAM TERE HAIN.