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आक़ा के दीवाने हैं, आक़ा के मस्ताने हैं / Aaqa Ke Deewane Hain, Aaqa Ke Mastane Hain

  • Mohammad Wasim
  • 22/09/2023
  • 1 मिनट का पाठ
  • 1,820 बार देखा गया
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आक़ा के दीवाने हैं, आक़ा के मस्ताने हैं
जश्ने-मिलाद मनाएंगे, मदनी झंडे लगाएंगे

मनाना जश्ने मीलादुन्नबी हरगिज़ न छोड़ेंगे
जुलूसे पाक में जाना कभी हरगिज़ न छोड़ेंगे

आक़ा के दीवाने हैं, आक़ा के मस्ताने हैं
जश्ने-मिलाद मनाएंगे, मदनी झंडे लगाएंगे

लगाते जाएंगे हम या रसूलल्लाह के नारे
मचाना मरहबा की धूम भी हरगिज़ न छोड़ेंगे

सरकार की आमद मरहबा
दिलदार की आमद मरहबा
प्यारे की आमद मरहबा
सोहणे की आमद मरहबा
ताहा की आमद मरहबा
यासीन की आमद मरहबा
मीठे की आमद मरहबा

आक़ा के दीवाने हैं, आक़ा के मस्ताने हैं
जश्ने-मिलाद मनाएंगे, मदनी झंडे लगाएंगे

तसल्ली रख न हो मायूस क़ब्रो हश्र में अत्तार
तुझे तन्हा रसूले हाशिमी हरगिज़ न छोड़ेंगे

आक़ा के दीवाने हैं, आक़ा के मस्ताने हैं
जश्ने-मिलाद मनाएंगे, मदनी झंडे लगाएंगे

नातख्वां:
असद अत्तारी अल मदनी
 
Mohammad Wasim

KI MUHAMMAD ﷺ SE WAFA TU NE TO HUM TERE HAIN,YEH JAHAN CHEEZ HAI KYA, LAUH O QALAM TERE HAIN.