• author
    Mohammad Wasim
  • 29/08/2025
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आया नबी का जश्न-ए-विलादत पंद्रह सौ साला जश्न-ए-विलादत

मेरे सरकार आए ! मेरे दिलदार आए ! नबियों के सरदार आए ! ताजदार-ए-ख़त्म-ए-नबुव्वत आए !

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    Mohammad Wasim
  • 29/08/2025
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मेरे नबी ला-जवाब हैं | मेरा नबी ला-जवाब है

नबियों में गुलाब हैं, रश्क-ए-माहताब हैंरब का इंतिख़ाब हैं, मेरे नबी मेरे नबी मेरे नबी

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    Mohammad Wasim
  • 07/05/2025
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हर दिल में जो रहते हैं वो मेरे मुहम्मद हैं

हर दिल में जो रहते हैं, वो मेरे मुहम्मद हैंजो रब को भी प्यारे हैं, वो मेरे मुहम्मद हैं

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    Mohammad Wasim
  • 07/05/2025
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काश वो चेहरा मेरी आँख ने देखा होता

मुझ को तक़दीर ने उस दौर में लिक्खा होताबातें सुनता मैं कभी, पूछता मा'नी उन के

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    Mohammad Wasim
  • 14/01/2025
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Likha hai ek Zaifa thi / लिखा है इक ज़ईफ़ा थी